वर्ष का प्रारम्भ पारिवारिक सुख के लिए अच्छा रहेगा। भूमि-भवन और वाहन ख़रीदने के योग अच्छे बन रहे हैं। समाज में मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में हैं तो तरक्की मिलने की प्रबल सम्भावना है। व्यापार में भी नए अवसर मिलेंगे। शत्रु परास्त होंगे, ख़र्च अधिक और आय थोड़ी कम रह सकती है। किसी केस-मुक़दमे से मुक्ति मिलेगी। इस माह आपका मनोबल बढ़ा-चढ़ा रहेगा। भाई-बहनों का सहयोग रहेगा। आपके द्वारा लिए गए निर्णय सही होंगे। यात्रा सुखदायी होगी। कुल-मिलाकर यदि आय के हिस्से को छोड़ दें तो जनवरी का महीना अच्छा जायेगा।
मन का प्रसन्न रहना ही सबसे बड़ा स्वास्थ्य वर्धक है और यह इस समय आपके साथ पूरा-पूरा है। आपका चित्त अत्यंत ही प्रसन्न और उत्साहित रहेगा। इस माह आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, आपकी कार्य क्षमता बढ़ेगी और आप हर काम को उत्साह पूर्वक करेंगे। आपने को और चुस्त-दुरुस्त करने की आपके के अंदर चाह होगी।
वर्ष का प्रारम्भ बहुत बेहतर जाने की सम्भावना है। पारिवारिक सुख के लिए यह बहुत ही अच्छा माह होगा। जीवन साथी का सहयोग बेहतर रहेगा और उसके कारण हर प्रकार की ख़ुशियाँ मिलेगी। यह समय कुछ ऐसा है जिसमे आपके कई रुके हुए कार्य होंगे और यदि आप लम्बे समय से भूमि-मकान या अपने लिए कोई नया वाहन खरीदने की सोच रहे थे वह पूरा होगा। यदि आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति अच्छी है और दशा भी शुक्र की है तो फिर समय की ज़बरदस्त मेहरबानी समझिए। किसी भी प्रकार का विवाद यदि इस समय है तो वह समाप्त होगा और वह भी आपके पक्ष में होगा। शत्रु वैसे तो इस समय पनपेंगे नहीं और यदि उठे तो आपके सामने टिक नहीं पाएंगे। परिवार के लोग आपका साथ देंगे और भाई-बहनों का साथ और सहयोग मिलेगा, इस समय आपकी निर्णय लेने की क्षमता बहुत ही बेहतर होगी और आपके लिए हुए निर्णय की लोग सराहना करेंगे। समाज में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा के लिए भी यह समय सुखदायी और लाभकारी है। कुल मिलाकर बहुत ही बेहतर माह है लाभ उठायें।
ज़मीन-जायदाद के क्षेत्र में या ग्लैमर, मीडिया, धर्म, इवेंट इत्यादि के क्षेत्र में कार्य करने वालों को ज़बरदस्त सफलता के योग है। यदि कार्य-व्यापार में कोई बड़ा निवेश या विस्तार करना चाहते हैं तो यह अत्यंत ही उपयुक्त समय है। यदि नौकरी की तलाश है तो वह इस समय पूरी होगी साथ ही पदोन्नती का इन्तजार कर रहे लोगों का समय भी अब समाप्त होगा क्योंकि तरक्की के बहुत ही अच्छे आसार हैं।
इस माह के लिए सलाह यह है कि आप अपने अंदर की अच्छाइयों को बनाये रखिये, प्रसन्न रहिये और दूसरों को भी प्रसन्न रखिये। आप जिस भी आराध्य को मानते हों उनकी आराधना करते रहें।