कुंडली मिलान - वैदिक ज्योतिष में वर-कन्या के विवाह के लिए कुंडली का मिलान करना आवश्यक माना जाता है। धर्म के अनुसार जिस वर-वधु की शादी कुंडली मिलाने के बाद हुई है उनके परिवार में बहुत खुशियां रहती है। वर-कन्या की कुंडली मिलान करने से यह पता चलता है कि कौन सा ग्रह वर-वधु के पक्ष में है। बड़े बुजुर्गों का मानना है कि लड़के-लड़की की कुंडली मिलने के बाद ही उनकी शादी होनी चाहिए नहीं तो घर में सुख शांति नहीं रहती।
वर-वधु की कुंडली मिलाने के लिए नीचे दिए गए विवरण को भरें:
लड़के लड़की की कुंडली में स्थापित गुणों का मिलान ज्योतिषियों द्वारा किया जाता है। कुंडली में कुल 36 गुण पाए जाते है उसमें से मिलान करने के बाद अगर 18 यानी 50% गुण मिल जाते है तो विवाह श्रेयस्कर माना जाता है।
वर-कन्या की कुंडली में गुणों के मिलान के अलावा जो महत्वपूर्ण होता है ओ है लड़के या लड़की की कुंडली में मंगल दोष का होना। अगर किसी एक की कुंडली में मंगल दोष पाया जाता है तो बिना किसी ज्योतिषी की सलाह लिए विवाह नहीं करना चाहिए नहीं तो घर में सुख-शान्ति नहीं रहती है।