आपकी कुंडली के अनुसार प्रथम भाव में स्थित शुक्र आपके पराक्रम में वृद्धि करेगा। आपकी कीर्ति, तेज और प्रताप में भी बहुत वृद्धि होगी। आप देखने में सुन्दर होंगे और आपका रंग भी गोरा होगा। आपको अनेक चीजों में रुचि होगी जैसे गायकी, चित्रकला, कवितायें, शिल्पकला, वादन आदि। आपको स्वच्छ रहना और अच्छे कपडे और आभूषण पहनना अच्छा लगता है। आप अपने कुल का नाम बढ़ाएंगे और विद्वान एवं यशस्वी होंगे। आपका जीवन विलासितापूर्ण होगा। आप स्वभाव से मृदु, दूसरों को आदर देने वाले, विनम्र, सुशील और धर्म कर्म में विश्वास रखने वाले होंगे। आप नाटककार अथवा उपन्यासकार भी बन सकते हैं। आपके पास अनेक प्रकार की कलाओं का ज्ञान होगा एवं आप सभी काम चतुराई के साथ करेंगे। सभी लोग आपको पसंद करेंगे। आप हमेशा अच्छे वचन बोलते हैं और सबके साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं। आप एक अच्छे गणितज्ञ भी हो सकते हैं। आप शारीरिक रूप से स्वस्थ और रोगमुक्त होंगे और दीर्घायु भी। आपको अपने वाचाल स्वभाव पर नियंत्रण रखना होगा और कुत्तों और सींग वाले जानवरों से सावधान रहने की आवश्यकता है।
आपकी कुंडली के अनुसार द्वितीय भाव में स्थित शुक्र आपके स्वभाव में धार्मिकता, व्यव्हार कुशलता, परोपकार, नम्रता, दयाभाव, आदि का विकास करता है। आप कुशल नीतिज्ञ, बुद्धिमान, विद्वान, यशस्वी, और सदाचारी चरित्र वाले व्यक्ति होंगे। आपको दान पुण्य करना और देवी देवताओं में पूर्ण विश्वास रखना, अपने गुरुओं को सम्मान देना अच्छा लगता है। आपको राजाओं द्वारा सम्मान मिलेगा और धन और वस्त्रों से आपका जीवन समृद्ध होगा। आपके मुख बहुत आकर्षित, दांत सुन्दर, और सौंदर्य अद्भुत होगा। आपके पास अनेकों विद्याओं का ज्ञान होगा और अपने किसी गुण अथवा विद्या के ज्ञान के आधार पर बहुत धन प्राप्त होगा। कई प्रकार के रत्नों के व्यापार द्वारा भी बहुत लाभ हो सकता है। अनेक प्रकार के वाहन, स्वादिष्ट भोजन, अलंकार आदि का सुख भी मिलेगा। आपका जीवन विलासितापूर्ण होगा जिस कारण आप स्त्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन पाएंगे। खेल ओर मनोरंजन से जुड़े कार्यक्रमों में भी आप भाग ले सकते हैं।
आपकी कुंडली के अनुसार तृतीय भाव में स्थित शुक्र आपके जीवन को उत्साहपूर्ण बना देगा। आपकी वाणी में मधुरता का वास होगा और स्वभाव विनम्र, आनंदमय, मिलनसार होगा। आप बहुत विद्वान, भाग्यवान, अपने संकल्पों को पूर्ण करने वाले, संपन्न, और प्रतापी होंगे। आपके पास अनेक कलाओं एवं भाषाओँ का ज्ञान हो सकता है। आप कभी भी किसी पर अनुचित प्रहार नहीं करते और अपनी सुरक्षा करने में भी नहीं चूकते। आजीविका के लिए आप कवित्त, गायकी, अथवा चित्रकारी में से किसी क्षेत्र को चुन सकते हैं। आपको राजाओं अथवा सरकारी व्यक्तियों की कृपा प्राप्त हो सकती है। घूमने फिरने में आपकी बहुत रुचि है और आपको यात्राओं के अनेक अवसर मिल सकते हैं। आपको पढना भी बहुत अच्छा लगता है। आप बहुत प्रतापी होंगे और किसी विभाग के प्रमुख होने के संकेत भी मिल रहे हैं। आयु के २९वें वर्ष में आपको बहुत धन मिल सकता है। भाई बहनों की संख्या पर्याप्त होगी। क्रोध को अपने ऊपर हावी न होने दें और कठिन समय में साहस से काम लें। आपके विवाह होने के मार्ग में कुछ अडचनें आ सकती हैं अथवा वैवाहिक जीवन भी असंतोष से भर सकता है। वैवाहिक जीवन में सुधार लाने के लिए इमानदारी से काम लें। संतान की संख्या कम हो सकती है। आपका शरीर निरोगी होगा।
आपकी कुंडली के अनुसार चतुर्थ भाव में स्थित शुक्र अधिकतर शुभ परिणाम मिलने के संकेत दे रहा है। आप स्वभाव से परोपकारी, मिलनसार, उदार, प्रसन्नचित्त, और धार्मिक होंगे। आपको पूजा आदि उत्सवों में काम करना अच्छा लगता है। दूसरों के सुख में आप खुश और उनके दुःख में आप दुखी हो जाते हैं। आप हमेशा सबका अच्छा ही चाहते हैं। आपके व्यवहार में वाचालता का वास हो सकता है। बड़े से बड़ा व्यक्ति भी आपको सम्मान देगा और आदरपूर्ण व्यवहार करेगा. आप अपनी माता को बहुत प्यार और सम्मान देंगे और आपको उनका पूरा साथ मिलेगा। आपके जीवन में कभी भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होगी। अच्छा घर, उत्तम विद्या, सुन्दर आभूषण, अच्छे वस्त्र, सुन्दर और आकर्षक जीवनसाथी, आदि सबकुछ मिलेगा। आप बुद्धिमान व्यक्ति होंगे। आर्थिक रूप से आपको कुछ चिंताएं घेर सकती हैं।
आपकी कुंडली के अनुसार पंचम भाव में स्थित शुक्र आपको शुभ फल मिलने के संकेत दे रहा है। आपके स्वभाव में उदारता, दान पुण्य की ओर झुकाव, इश्वर में अटूट विश्वास, व्यवहार कुशलता, आदि का वास होगा। आपको धन लाभ के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। कहीं से अचानक धन की प्रप्ति हो सकती है। एक ओर आप संगीत, कवित्त, लेखन आदि क्षेत्रों में निपुण होंगे वहीँ दूसरी ओर अनेक शास्त्रों ओर मन्त्रों का ज्ञान भी आपके पास होगा। नाटक, सिनेमा, ललितकलाओं आदि में आपकी रुचि संभव है। आपको सरकार अथवा राजपरिवार से सम्मान मिलने के संकेत मिल रहे हैं। आप अपने लिए राजनीति अथवा न्यायाधीश आदि बनने का चयन भी कर सकते हैं। आप सदा न्याय का साथ देते हैं। आपके अन्दर अच्छे वक्ता होने के गुण के साथ साथ प्रतिभा और बुधिमत्ता भी है। आप देखने में सुन्दर और आकर्षक व्यक्तित्व वाले व्यक्ति हैं। वाहन सुख एवं स्वादिष्ट व्यंजनों की प्राप्ति होगी। आपको बहुत अच्छे मित्र मिलेंगे जिनपर आप बहुत विश्वास कर पाएंगे। विपरीत लिंग वाले लोगों के साथ समय बिताना आपको अच्छा लगता है। अपने काम में व्यवस्तता के कारण आपका व्यवहार अपने घर में मुसाफिरों जैसा होगा। पुत्रियों की संख्या पुत्रों से अधिक होगी।
आपकी कुंडली के अनुसार छठे भाव में स्थित शुक्र आपको मिश्रित फल मिलने के संकेत मिल रहे हैं। स्वभाव से आप विवेकी होंगे। आप अच्छी शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे। शुक्र की इस स्थिति के कारण आपका कुल बहुत श्रेष्ठ होगा। शत्रु आपको कष्ट पहुंचा सकते हैं परन्तु कभी भी आप पर विजय नहीं पा सकेंगे। अपने गुरुजनों से भी आपके अच्छे सम्बन्ध नहीं होंगे। आपके भीतर भय का विकास दिखाई दे रहा है। आर्थिक रूप से आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि अधिक ख़र्च आपकी स्थिति बिगाड़ सकता है। स्त्रियां भी आपको कुछ अधिक पसंद नहीं करेंगी। आपके बहुत से मित्र होंगे पर उनमे अधिकतर ख़राब आदत वाले व्यक्ति होंगे। भाई बहनों और मामा की ओर से आपको सुखद संबंधों का उपहार मिलेगा। आपकी पहली संतान के रूप में पुत्र प्राप्ति के संकेत मिल रहे हैं। आपकी सभी संतान आपको सुख देंगी। अपनी जीवनसंगिनी से आपको अधिक सुख नहीं मिल पायेगा और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी कुछ परेशानी आ सकती है। अपने आहार विहार की सीमाएं निर्धारित कर आप समस्याओं से बच सकते हैं।
आपकी कुंडली के अनुसार सप्तम भाव में स्थित शुक्र आपके मिश्रित फल मिलने के संकेत दे रहा है। आपका व्यक्तित्व मनमोहक और स्वभाव उदार, चंचल, और मिलनसार होगा। आप साधुओं को सम्मान देंगे। भाग्य आपका साथ देगा और थोडा सा प्रयास करने पर ही आपको इच्छित वस्तुओं की प्राप्ति हो जाएगी। आप लोगों के बीच लोकप्रिय व्यक्ति होंगे। गायकी, अभिनय, और संगीत में आपकी रुचि हो सकती है। आप कलाकार के रूप में भी अपने आप को स्थापित सकते हैं। अपने चातुर्य द्वारा आप सबको अपनी ओर आकर्षित करेंगे और जलक्रीड़ा एवं कामक्रीड़ा में निपुणता पा सकेंगे। सरकार अथवा राजपरिवार द्वारा सम्मान मिल सकता है। विदेश यात्राओं अथवा कहीं दूर यात्राओं पर जाना और वहां निवास करने के अवसर मिल सकते हैं। विवाह जल्दी भी हो सकता है अथवा दो विवाह भी हो सकते हैं। स्त्रियाँ आपके जीवन में सुख लायेंगी। विवाह के बाद भाग्य चमकने की संभावना प्रबल है। कमर के निचे वातजन्य पीड़ा से स्वास्थ्य प्रभावित होगा। विलासिता पूर्ण जीवन आपको मिलेगा परन्तु इसको अपने ऊपर हावी न होने दें।
आपकी कुंडली के अनुसार अष्टम भाव में स्थित शुक्र आपके स्वभाव को धार्मिक, आनंदमयी, सदाचारी,एवं गर्वीला बनाता है। आपका व्यक्तित्व भी सुन्दर होगा और आँखें बहुत सौन्दर्यपूर्ण होंगी। आप विद्वान् और निडर व्यक्ति होंगे। ज्योतिष में भी आपकी अच्छी पकड़ होगी। किसी स्त्री अथवा ट्रस्ट द्वारा आपको धन की प्राप्ति हो सकती है। घूमना फिरना आपको अच्छा लगता है और आपको विदेश यात्रा पर जाने के अवसर मिलेंगे। आप सरकार से किसी रूप में जुड़े हो सकते हैं अथवा कोई सम्मान भी आपको प्राप्त हो सकता है। जीवन में आर्थिक, शारीरिक, अथवा स्त्रीसुख में से कोई एक सुख आपको मिलने के संकेत मिल रहे हैं। वाहन सुख एवं नौकर चाकर भी बहुत मिलेंगे। सम्बन्धी, मित्र आदि सभी का साथ मिलेगा। शुक्र की इस स्थित के कारण आपके कार्यों में व्यवधान आयेंगे। जीवनसाथी तो कभी पुत्र की ओर से आप चिन्तायुक्त रह सकते हैं। शत्रुओं द्वारा भी कठिनाइयाँ उत्पन्न होंगी। स्वयं को व्यर्थ के वाद विवाद और घुमने फिरने से बचाएँ। अपने पिता द्वारा लिया गया ऋण भी आपको ही चुकाना होगा।
आपकी कुंडली के अनुसार नवम भाव में स्थित शुक्र आपके अन्दर अनेक गुणों का समावेश करता है। आप धार्मिक, पवित्र विचारों वाले, गुरुजनों, अथितियों आदि को सम्मान देने वाले, परोपकारी, और इश्वर में विश्वास रखने वाले व्यक्ति होंगे। आप सबके साथ दया और उदारता भरा व्यवहार करते हैं ओर अपना जीवन संतोषजनक रूप से जीते हैं। आपकी आत्मा और मन दोनों ही पवित्र और शुद्ध हैं। गायन, सिनेमा, वादन आदि में आपकी रुचि हो सकती है और आप इनमे निपुण भी हो सकते है। आजीविका के लिए आप अभिनय, विद्या व्यसन, और काव्य नाटक आदि के क्षेत्र का चयन कर सकते हैं। समुद्री यात्रा पर जाने के संकेत भी मिल रहे हैं। आपके पास सभी भौतिक सुख होंगे जैसे धन, अच्छे वस्त्र, अच्छी जीवन शैली आदि। आप ब्याज पर पैसा लेन देन करने का कार्य भी कर सकते हैं। अपने पिता के साथ आपके संबंधों में कड़वाहट आ सकती है। विवाह के पश्चात आप अधिक प्रगतिशील हो जायेंगे और आपकी गणना धनवान व्यक्तियों होगी।
आपकी कुंडली के अनुसार दशम भाव में स्थित शुक्र आपके स्वभाव में व्यवहार कुशलता, उत्तम आचरण, दान पुण्य में विश्वास, यज्ञ एवं पूजा पाठ में रुचि, शांतिप्रियता का विकास करता है। आपके व्यक्तित्व को भी सुंदर और आकर्षक बनाता है। आपकी धर्म कर्म में बहुत श्रद्धा होगी। अपने पक्के संकल्प द्वारा आप अपने कार्यों को पूर्ण करेंगे। धन-दौलत, यश, आदर सम्मान, आदि की कभी कोई कमी नहीं होगी। सोने चांदी एवं अन्य विभिन्न प्रकार के रत्नों का संग्रह आपके पास होगा। सरकार अथवा राजपक्ष की ओर से आपको कोई सरकारी नौकरी अथवा कोई उच्च पद मिल सकता है। आपकी रुचि गायन, वादन, चित्रकारी आदि ललित कलाओं में हो सकती है। विभिन्न देशों की यात्रा एवं वहां निवास के अवसर मिलेंगे। विपरीत लिंग वाले लोगों में आप लोकप्रिय होंगे। विवाह के बाद धनलाभ एवं भाग्योदय के संकेत मिल रहे हैं और जीवनसाथी का कुल भी श्रेष्ठ होगा।
आपकी कुंडली के अनुसार एकादश भाव में स्थित शुक्र शुभ फल मिलने के संकेत दे रहा है। आपके स्वभाव में परोपकार, सत्य के मार्ग पर चलना, धार्मिकता, उदारता, सदाचार, आदि गुण देखने को मिलते हैं। आप शास्त्रों का पालन करने वाले, सुशील, ज्ञानी, इश्वर में विश्वास रखने वाले, शुभ कर्म करने वाले व्यक्ति होंगे। अपने वाक्चातुर्य से आप सबके बीच अपनी अलग पहचान बना सकेंगे। आपको जीवन में समृधि, सम्पन्नता, वाहन सुख, धन लाभ सभी कुछ मिलेगा। आपके रुचि नृत्य, गायन, संगीत आदि में हो सकती है। अपनी आजीविका के लिए आप इमारत निर्माण करने वाले, जौहरी, उच्च पद वाले व्यक्तियों द्वारा धन कमाने वाले, ग्रंथकार अथवा लेखक हो सकते हैं। धन में दिन पर दिन वृद्धि होती जाएगी। विवाह से भी आपके जीवन में धन का आगमन हो सकता है। आप देखने में आकर्षक और स्वस्थ होंगे। आपका स्वभाव विनोदपूर्ण होगा।
आपकी कुंडली के अनुसार द्वादश भाव में स्थित शुक्र आपके कर्मों को श्रेष्ठता प्रदान करता है। आपको अच्छे लोगों द्वारा भी आदर और सम्मान मिलेगा। आपका वैभव और तेज दूर तक फैलेगा। व्यर्थ धन ख़र्च न करने में आप निपुण हैं परन्तु शुभ कर्मों एवं सुख सुविधा के लिए व्यय करने में संकोच नहीं करते। आप ज्ञानी एवं गुणी व्यक्तियों का सम्मान करते हैं। आपका आचरण श्रेष्ठ है जिससे सभी प्रसन्न रहते हैं। आपके बहुत से मित्र होंगे ओर विपरीत लिंग वाले व्यक्ति आपको बहुत पसंद करेंगे। विवाह जल्दी होने के संकेत भी मिल रहे हैं। यहाँ स्थित शुक्र आपको कामुकता प्रदान करता है। अपने शत्रुओं के छल कपट को आप नहीं समझ पाते। अपनों से दूरी उत्पन्न हो सकती है। व्यर्थ धन व्यय होने की संभावना दिखाई दे रही है। पत्नी के साथ सम्बन्ध बिगड़ सकते हैं अथवा आप किसी अवैध सम्बन्ध की ओर बढ़ सकते हैं। आयु बढ़ने के साथ साथ आप मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं।