वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु गोचर बहुत महत्वपूर्ण घटना होती है| गुरु ग्रह बहुत ही शुभ और उन्नति का कारक माना जाता है| बृहस्पति देव गुरु माना जाता है और कर्म, पुत्र, विवाह, धन, और ज्ञान का कारक भी होता है| इसका प्रभाव पड़ने पर जातक का झुकाव धर्म एवं आध्यात्मिक कार्यों की ओर हो जाता है| जातक को जीवन में स्वास्थ्य, लाभ, अच्छी आर्थिक स्थिति, उन्नति, विवाह और संतान प्राप्ति जैसे अनेकों मामलो में शुभ फल मिलते हैं| जिसकी भी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी होती है उसपर अन्य ग्रहों की बुरी स्थिति का प्रभाव नहीं पड़ता| समाज, परिवार और अन्य क्षेत्र भी प्रभावशाली बने रहते हैं| वर्ष 2018 में बृहस्पति देव द्वारा तुला राशि में गोचर होगा| 11 अक्टूबर को गुरुवार के दिन रात्रि 8:39 मिनट पर तुला राशि से होते हुए बृहस्पति देव वृष्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 30 मार्च 2019 को शनिवार के दिन रात्रि 3:11 मिनट तक इसी राशि में रहेंगे| गुरु गोचर 2018 के कारण सभी राशियों पर उसका प्रभाव पड़ेगा और इसी की जानकारी हम आपको यहाँ दे रहें हैं|
मेष राशि की बात करें तो बृहस्पति देव इस राशि के नवम और द्वादश भाव के स्वामी हैं और आपकी राशि के अष्टम भाव में गोचर करेंगे| गुरु की स्थिति अष्टम भाव में होने के कारण शुभ फल नहीं मिल पाएँगे| भाग्य का पूर्ण साथ शायद आपको नहीं मिल पाएगा| बहुत सी असफलताएं आपको मिल सकती हैं पर प्रयास करना न छोडें और बृहस्पति की वंदना करते रहें| गुरु गोचर की अवधि में हानि होने के संकेत साफ़ हैं| धन, व्यापार, निवेश, व्यवसाय से जुड़े मामलों में हानि हो सकती है| आपको हर एक निर्णय बहुत सावधानी से लेना होगा| किसी पर भी अंध विश्वास करना आपके लिए अच्छा नहीं रहेगा| पूरी जांच पड़ताल के बाद ही किसी भी प्रकार का निवेश करें| कुछ अनचाही यात्राओं पर भी आपको जाना पड़ सकता है जिस कारण आपको शारीरिक थकान का सामना करना होगा| बुरा आचरण करना आपके लिए ठीक नहीं रहेगा इसलिए इससे बचें|
वृषभ राशि की बात करें तो बृहस्पति देव इस राशि के अष्टम एवं एकादश भाव के स्वामी हैं और इस राशि के सप्तम भाव में गोचर करेंगे| सप्तम भाव आपकी राशि में जीवनसाथी और वैवाहिक जीवन का भाव होता है और गुरु के प्रभाव के कारण ख़ुशियों और मधुरता में अधिकता आएगी| कुछ समय के लिए रिश्ते में उतार-चढ़ाव आ सकता है| अपने जीवनसाथी को सम्मान दें और क्रोद्ध न करते हुए संयम से काम लें| व्यापार में किसी भी प्रकार की साझेदारी आपके लिए अच्छी रहेगी| जीवनसाथी एवं बिज़नेस पार्टनर के माध्यम से आपको बहुत से लाभ प्राप्त होंगे| इस समय आप व्यवसाय, पैसों, और नौकरी से जुड़े मामलों में बिना सोचे समझे कोई भी निर्णय न लें|
मिथुन राशि की बात करें तो बृहस्पति देव आपके सप्तम और दशम भाव के स्वामी हैं और इस राशि के षष्ठम भाव में गोचर करेंगे| इस भाव का गुरु में स्थित होना आपके लिए अच्छा नहीं है| गोचर लगने की अवधि में आपको शत्रुओं और विरोधियों से हानि पहुँच सकती है अतः आपको बहुत सावधान रहना होगा| भाई-बहनों के साथ कुछ अनबन होने के संकेत मिल रहे हैं ऐसे हालात में आपको बातचीत से मतभेद सुलझाने का प्रयास करना होगा और संयम बरतना होगा| अपनी सेहत को लेकर भी आपको सजग रहना होगा क्यूंकि कोई बीमारी आपको परेशान कर सकती है| कार्यक्षेत्र में आपको बहुत सी परेशानियाँ आएंगी जिसके चलते आपको बहुत संघर्ष करना होगा| सफलता का यही मार्ग आपके लिए चुना गया है| व्यवसायिक साझेदारी हो या वैवाहिक जीवन दोनों में ही आपको विवाद का सामना करना पड़ सकता है| गुरु गोचर की अवधि में आर्थिक स्थिति आपके बढ़ते ख़र्चों के कारण बिगड़ सकती है इसलिए फिज़ूलखर्ची से बचें|
कर्क राशि की बात करें तो बृहस्पति देव आपके षष्ठम एवं नवम भाव के स्वामी हैं और इस राशि में पंचम भाव में गोचर करेंगे| गुरु गोचर पंचम भाव में होने के कारण शुभ फल प्राप्त होंगे| इस अवधि में या तो आपको संतान प्राप्ति का सुख मिलेगा या फिर आपके परिवार में कोई नन्हा मेहमान आ सकता है| आपके परिवार में इस शुभ घटना के चलते खुशियों भरा माहौल बना रहेगा| आपको सरकारी विभाग के उच्च अधिकारियों का समर्थन मिलने के कारण लाभ मिलने के संकेत साफ़ हैं| गुरु गोचर की इस अवधि में आपका समाज में अच्छे लोगों के साथ संपर्क बनेगा और इनकी संगत मिलेगी| आपको बहुत सी नई बातें और विचार जानने का अवसर मिलेगा|
सिंह राशि की बात करें तो बृहस्पति देव आपके पंचम और अष्टम भाव के स्वामी हैं और इस राशि में चतुर्थ राशि में संचरण करेंगे| गुरु का चतुर्थ भाव में स्थित होना कष्ट की उत्पत्ति का कारण बनता है| आपको अपमान का सामना करना पड़ सकता है| रिश्तेदारों और मित्रों के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं इसलिए उनके साथ सभ्य व्यवहार करें| ऐसा नहीं है कि गुरु गोचर की इस अवधि में आप तनाव और परेशानियों में घिरे रहेंगे अपितु बहुत सी खुशियाँ भी आपके जीवन का हिस्सा बनेंगी| परिजनों के साथ अच्छा समय बिताने के अवसर मिलेंगे| घर में कोई शुभ कार्य भी संपन्न हो सकता है| हिंसक पशुओं से आपको हानि पहुँच सकती है इसलिए सावधानी बरतें| माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ेगी| चिकित्सक से परामर्श लेकर तुरंत उनका इलाज करवाएं| मानसिक तनाव बढ़ने के कारण आपको जीवन में निराशा का आभास हो सकता है इसलिए तनाव से बचना और प्रसन्न रहना आवश्यक है| अपना आत्मविश्वास खोने न दें और खुद को हर चुनौती के लिए तैयार रखें|
कन्या राशि की बात करें तो ब्रहस्पति देव आपके चतुर्थ एवं सप्तम भाव के स्वामी हैं और इस राशि में तृतीय भाव में गोचर करेंगे| गुरु का तृतीय भाव में स्थित होना शुभ नहीं है| व्यवसाय में परेशानियाँ झेलनी पड़ सकती हैं इसलिए बहुत सावधानी के साथ आगे बढें| बिना किसी विस्तृत जानकारी के किसी भी प्रकार के निवेश से बचें| सोच समझ कर कार्य करने पर आपको लाभ प्राप्त होगा| नौकरी करने वाले जातक भी चुनौतियों का सामना करेंगे| प्रदर्शन में कमी आने पर पदोन्नति से हाथ धोना पड़ सकता है| अच्छा कार्य करने पर दृष्टि बनाए रखें| गुरु गोचर की अवधि में आपके मित्रों के साथ आपकी अनबन होने के संकेत मिल रहे हैं| स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी आपको परेशान कर सकती हैं| आपकी मेहनत लगन और दृढ इच्छाशक्ति हर चुनौती में आपको सफलता दिलाएगी|
तुला राशि की बात करें तो देवगुरु बृहस्पति आपके तृतीय और षष्ठम भाव के स्वामी हैं और इस राशि के द्वितीय भाव में गोचर करेंगे| वैदिक ज्योतिष के अनुसार द्वितीय भाव धन का भाव होता है और हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण माना जाता है| इस कारण शुभ फल प्राप्त होते हैं| निवेश छोटा हो या बड़ा सभी में लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है परंतु किसी भी प्रकार की लापरवाही हानि कर सकती है| आपके लिए इस अवधि में धन संचय करने और धन प्राप्ति के संकेत साफ़ मिल रहे हैं| आपके पारिवारिक जीवन में भी सुख शांति का वास होगा और वातावरण ख़ुशहाल बना रहेगा| गुरु गोचर की अवधि में आपके कार्य और व्यक्तित्व से लोग प्रभावित होंगे और आपको प्रशंसा मिलेगी| कार्यक्षेत्र में आपको बहुत सफलता मिलेगी| आपकी मेहनत और प्रयास बेकार नहीं जाएंगे और मनवांछित फल आपको मिलेंगे| पदोन्नति और वेतन वृद्धि जैसी अच्छी सूचना आपको जल्दी ही मिल सकती है|
वृष्चिक राशि की बात करें तो बृहस्पति देव आपके द्वितीय और पंचम भाव के स्वामी हैं और इस राशि के प्रथम भाव में गोचर करेंगे| गुरु की यह स्थिति कष्ट उत्पन्न करने वाली है| बहुत सी समस्याएं और चुनौतियाँ आपके जीवन को कष्टकारी बनाएंगी| कार्य के चलते आपको घर से दूर रहने अथवा अपना निवास स्थान बदलने की आवश्यकता होगी| आपके ख़र्चे बढ़ेंगे जिसके चलते आर्थिक संतुलन बिगड़ सकता है| धन संचय करना आपके लिए हितकारी होगा| चुनौतियां आपको मानसिक तनाव देंगी परंतु आपको दृढ आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के साथ उनसे निपटना होगा| आपके प्रयास आपको विजयी अवश्य बनाएंगे| धन हानि होने के संकेत मिल रहे हैं इसलिए आर्थिक मामलों को सतर्कता के साथ संभालें| आर्थिक हानि से बचने के लिए शेयर बाज़ार अथवा अन्य प्रकार के जोखिम भरे कार्यों में पूरी जांच पड़ताल के बाद ही निवेश करना सही रहेगा|
धनु राशि की बात करें तो बृहस्पति देव आपके प्रथम एवं चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और इस राशि के द्वादश भाव में गोचर करेंगे| वैदिक ज्योतिष के अनुसार द्वादश भाव व्यय और हानि का प्रतीक होता है और शुभ नहीं माना जाता| मानसिक तनाव बढ़ सकता है इसलिए उसे ख़ुद पर हावी न होने दें| पूरे संयम और धैर्य के साथ परिस्थिति से निपटें| संपत्ति से जुड़ा कोई विवाद परेशान कर सकता है इसलिए ज़मीन या मकान की ख़रीद-बिक्री और अन्य प्रकार के मामलों में बहुत सोच समझ कर फैसला लें| पैसों का लेन-देन करने से पहले सतर्क रहें| आर्थिक हानि से बचना चाहते हैं तो निवेश करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें| पारिवारिक अलगाव और मनमुटाव उत्पन्न होने के संकेत भी मिल रहे हैं| समझदारी के साथ बातचीत से मामले को संभालें|
मकर राशि की बात करें तो देवगुरु बृहस्पति आपके द्वादश और तृतीय भाव के स्वामी हैं और इस राशि में एकादश भाव में संचरण करेंगे| वैदिक ज्योतिष के अनुसार एकादश भाव लाभ का भाव माना जाता है और शुभ फल देता है| गुरु के प्रभाव के कारण कार्यक्षेत्र में आपको बहुत सफलता मिलेगी| पदोन्नति मिलने के संकेत मिल रहे हैं| व्यवसाय से जुड़े जातकों को भी अनुकूल परिणाम मिलेंगे| कोई नया कारोबार शुरू कर सकते हैं और अपने व्यापार का विस्तार भी कर सकते हैं| इस अवधि में आपको संतान सुख की प्राप्ति संभव है| आपको किसी तीर्थ स्थान पर जाने का अवसर मिल सकता है और आपका झुकाव आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों की ओर बढ़ेगा| वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहेगी| जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बिता पाएँगे|
कुंभ राशि की बात करें तो बृहस्पति देव आपके एकादश और द्वितीय भाव के स्वामी हैं और इस राशि के दशम भाव में संचरण करेंगे| वैदिक ज्योतिष के अनुसार दशम भाव कर्म का भाव होता है और नौकरी और व्यवसाय पर प्रभाव डालता है| इस भाव में गुरु का स्थित होना शुभ नहीं माना जा सकता| कार्यस्थल पर आपकी अपने सहयोगियों से अनबन हो सकती है| आपको बेकार की बातों से बचना होगा और सबके साथ अच्छा व्यवहार करना होगा| स्वास्थ्य पर भी कोई संकट आता दिखाई दे रहा है इसलिए सतर्क रहें| सेहत बिगड़ने से आपका मनोबल भी कमज़ोर पड़ेगा| मानसिक तनाव बढ़ने पर आपकी इच्छाशक्ति कम हो सकती है| किसी भी प्रकार का तनाव लेने से आपको बचना होगा| बहुत मेहनत और संघर्ष के बाद आपको सफलता मिलेगी और आत्मबल को मज़बूत रखना होगा|
मीन राशि की बात करें तो बृहस्पति देव आपके दशम भाव के स्वामी हैं और इस राशि में नवम भाव में गोचर करेंगे| गुरु का इस भाव में स्थित होना शुभ है| गुरु गोचर की इस अवधि में आपको कार्यक्षेत्र में वेतन वृद्धि और पदोन्नति जैसे लाभ प्राप्त होंगे| आपके जीवन में ख़ुशी के बहुत से अवसर आएंगे और अनेकों माध्यमों से लाभ मिलेगा| आपका झुकाव आध्यात्म और धार्मिक कार्यों की ओर बढ़ेगा और किसी तीर्थ यात्रा पर जाने का भी अवसर मिलेगा| गुरु गोचर की अवधि में गई यात्राएं आपको लाभ पहुंचाएंगी| अपने पिता का अनुभव और सलाह का साथ पाकर आपको लाभ मिलेगा| आपकी लोकप्रियता में भी बढ़ोत्तरी होगी|